नारियाँ कभी बहन बनकर भाई का साथ देती हैं...
नारियाँ कभी पत्नी के रूप मे पति का साथ देती हैं...
नारियाँ कभी माँ के रूप मे एक बेटे को पालती है...
जितना त्याग एक बहन भाई के लिए,
जितना त्याग एक पत्नी पति के लिए
जितना त्याग एक माँ बेटे के लिए करती है.
अगर इतना ही त्याग एक भाई अपने बहन के लिए
अगर इतना ही त्याग एक पति अपने पत्नी के लिए
अगर इतना ही त्याग एक बेटा अपने माँ के लिए कर दे...
तो अगले दिन की सुबह...
स्वर्ग धरती पर होगा...
great lines.
ReplyDeleteलगता है आपको सटीक बात कहने की आदत है ..
ReplyDelete.... इस आदत को संक्रामक रोग की तरह समाज में फैलना चाहिए ...
लिखते रहिये ... समाज का शुद्धिकरण जरूर होगा