Thursday, October 28, 2010

दो मिनट...

आज भारत की चाहे कहे दशा या दुर्दशा देखकर हर भारतीय के ज़बान पे कुछ ना कुछ आता है लेकिन वो दूसरो के खिलाफ ही आता है...अगर ऐसा होता है तो होना नही चाहिए क्योंकि हमारी भी नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है भारत की दशा या दुर्दशा सुधारने की,किसी के उपर आरोप-प्रत्यारोप करके भारत की दशा को सुधरा नही जा सकता है...आज हम लोगो की दशा ये हो गयी की हम आज़ाद भारत मे आज़ादी खोज रहे है...दो मिनिट अपने देश के लिए सोंचो...इतिहास के पन्नो मे सीमटते हुए भारत को बचाने के लिए आगे बड़े और एक नया इतिहास लिखे...

6 comments:

  1. ब्लॉग जगत में स्वागत है.......

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  2. .अगर ऐसा होता है तो होना नही चाहिए क्योंकि हमारी भी नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है भारत की दशा या दुर्दशा सुधारने की,किसी के उपर आरोप-प्रत्यारोप करके भारत की दशा को सुधरा नही जा सकता है.
    Bahut sahee kaha! Swagat hai!

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  3. बहुत सच कहा है आपने. जारी रहें.
    --
    धनतेरस व दिवाली की सपरिवार बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.
    -
    वात्स्यायन गली

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  4. your target is valuable

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  5. इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  6. लेखन अपने आपमें रचनाधर्मिता का परिचायक है. लिखना जारी रखें, बेशक कोई समर्थन करे या नहीं!
    बिना आलोचना के भी लिखने का मजा नहीं!

    यदि समय हो तो आप निम्न ब्लॉग पर लीक से हटकर एक लेख
    "आपने पुलिस के लिए क्या किया है?"
    पढ़ सकते है.

    http://baasvoice.blogspot.com/
    Thanks.

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